Karur Vysya Bank Business Loan | करूर वैश्य बैंक बिज़नेस लोन: ब्याज़ दरें, योग्यता शर्तें और लोन कैसे मिलेगा

trendingjankari.in

trendingjankari.in

Table of Contents

करूर वैश्य बैंक बिज़नेस लोन- वर्ष 2023

ब्याज दर
  • KVB स्वर्णमित्र बिज़नेस लोन के लिए: 10.50% प्रति वर्ष
  • अन्य KVB बिज़नेस लोन योजनाओं के लिए: बिज़नेस यूनिट के क्रेडिट स्कोर, कवरेज रेश्यो, इंटरनल रिस्क रेटिंग (IRR), प्रायोरिटी/ नॉन-प्रायोरिटी सेक्टर, आदि पर आधारित
लोन राशि ₹10 करोड़ तक
लोन अवधि 7 साल तक

नोट: 4 जनवरी 2023 को निर्धारित ब्याज दरें…

करूर वैश्य बैंक बिज़नेस लोन की ब्याज दरें

स्वर्णमित्र योजना के लिए करूर वैश्य बैंक बिज़नेस लोन की ब्याज दरें 10.50% प्रति वर्ष से शुरू होती हैं। हालांकि, बैंक ने अपनी अन्य बिज़नेस लोन योजनाओं के लिए निर्धारित ब्याज दरों के बारे में नहीं बताया है। लोन योजनाओं के लिए KVB बिज़नेस लोन की ब्याज दरें लोन के लिए अप्लाई करने वाली MSME बिज़नेस इकाई के सिबिल स्कोर, कवरेज रेश्यो, इंटरनल रिस्क रेटिंग (IRR), प्रायोरिटी/ नॉन- प्रायोरिटी सेक्टर सहित कई कारकों पर निर्भर करती हैं।

करूर वैश्य बैंक बिज़नेस लोन के लिए फीस/ शुल्क

करूर वैश्य बैंक ने अपनी बिज़नेस लोन योजनाओं के लिए प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्कों के बारे में नहीं बताया है। अगर कोई भी MSME बिज़नेस यूनिट KVB बिज़नेस लोन प्राप्त करना चाहती है, तो बैंक द्वारा लागू प्रोसेसिंग फीस के बारे में जानने के लिए KVB की नज़दीकी शाखा से संपर्क किया जा सकता है। बैंक प्रोसेसिंग फीस या अपफ्रंट फीस में 25% तक छूट दे सकता है। KVB Pharma Plus के लिए फीस/ शुल्कों पर दी जाने वाली छूट के बारे में नीचे बताया गया है:

करूर वैश्य बैंक फार्मा प्लस लोन की प्रोसेसिंग फीस में छूट

फीस छूट
OCC / SOD के लिए प्रोसेसिंग फीस फ्रेश लिमिट – 0.375%रिन्युअल लिमिट – 0.30%

करूर वैश्य बैंक फार्मा प्लस लोन की अन्य प्रकार की फीस पर छूट

फीस छूट
इंश्योरेंस स्टॉक
  • SOD: लिमिट अमाउंट
  • OCC: 1 साल में अधिकतम कितनी स्टॉक होल्डिंग है
चेक बुक इश्यू कराने का चार्ज एसओडी/ ओसीसी: ₹2 प्रति लीफ
जिन ₹1 लाख से कम MAB के लिए: कोई फीस नहीं
आउटस्टेशन चेक कलेक्शन चार्ज
  • ₹2,000 तक: ₹20
  • ₹2,001 से ₹10,000: ₹30
  • ₹10,001 से ₹20,000: ₹50
  • ₹20,001 से ₹1 लाख: ₹75
  • ₹1 लाख से अधिक: ₹150

करूर वैश्य बैंक द्वारा ऑफर किए जाने वाले बिज़नेस लोन के प्रकार

केवीबी एमएसएमई ईज़ी लोन

उद्देश्य: यह बिजनेस लोन प्रोडक्ट मौजूदा माइक्रो और स्मॉल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स (व्यापारियों के अलावा) के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो कम से कम 1 साल से चल रही हों और जिनका टर्नओवर पिछले वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपये से कम रहा है। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए दी जाने वाली लोन सुविधाओं में ओपन कैश क्रेडिट (OCC), लेटर ऑफ क्रेडिट (LC), बैंक गारंटी (BG) आदि शामिल हैं, जबकि सेवा क्षेत्र की इकाइयों के लिए दी जाने वाली लोन सुविधाओं में एसओडी-आरई और एचपीएल (एम) शामिल हैं।

ब्याज दर: केवीबी एमएसएमई ईज़ी लोन के लिए ब्याज दरें लोन के लिए अप्लाई करने वाली बिज़नेस यूनिट के क्रेडिट स्कोर, आईआरआर, कवरेज रेश्यो, प्राथमिकता/गैर-प्राथमिकता क्षेत्र आदि जैसे कारकों पर निर्भर करती हैं।

लोन राशि: केवीबी एमएसएमई ईजी लोन के तहत कुल 50 लाख रुपये तक लोन राशि ऑफर की जा सकती है। इस प्रोडक्ट के तहत व्यक्तिगत सुविधाओं की लिमिट कुछ इस प्रकार है:

  • ओपन कैश क्रेडिट (OCC) /एसओडी-आरई/एलसी के लिए: 20 लाख रुपये तक
  • बैंक गारंटी (BG) के लिए: 10 लाख रुपये तक
  • एचपीएल (एम) के लिए: 20 लाख रुपये तक

लोन अवधि: केवीबी एमएसएमई ईज़ी लोन के तहत दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं की लोन अवधि के बारे में नीचे बताया गया है:

  • ओसीसी, एलसी, एसओडी या बीजी के लिए: 1 साल तक और साल में एक बार रिन्यु कराया जा सकता है।
  • एचपीएल (एम) के लिए: बिज़नेस के कैश फ्लो के आधार पर 3 से 7 वर्ष (हॉलिडे पीरियड सहित)।

मार्जिन: केवीबी एमएसएमई ईज़ी लोन के तहत ऑफर की जाने वाली विभिन्न लोन सुविधाओं के लिए मार्जिन इस प्रकार है:

  • OCC: स्टॉक पर 25% और रिसीवेबल्स पर 40%
  • एलसी/बीजी: 15% कैश मार्जिन
  • एचपीएल (एम): नई मशीनरी पर 20% और पुरानी मशीनरी पर 50% (बशर्ते मशीनरी 3 साल से अधिक पुरानी न हो) जिसे बैंक से लिए गए लोन से खरीदा जाना है।
  • एसओडी-आरई: 33.33% (दूसरों के लिए 40%) और बिल्डिंग प्रॉपर्टी व रेज़िडेंशियल, कमर्शियल या औद्योगिक जमीन जैसी प्राइमरी सिक्योरिटी पर।

प्राइमरी सिक्योरिटी: केवीबी एमएसएमई ईज़ी लोन के लिए प्राइमरी सिक्योरिटी इस प्रकार है:

  • ओसीसी/एलसी के लिए: कच्चे माल का स्टॉक, सेमी- फिनिश्ड और फिनिश्ड माल, प्रोसेस और रिसीवेबल में स्टॉक।
  • एचपीएल (एम) के लिए: मशीनरी बैंक से लिए गए लोन के अलावा राशि से खरीदी जानी चाहिए।
  • एसओडी-आरई के लिए: रेज़िडेंशियल, इंडस्ट्रियल या कमर्शियल जमीन और बिल्डिंग प्रॉपर्टी के लिए लिमिट की 150% का न्यूनतम कवर।

कोलैटरल सिक्योरिटी:

  • ओसीसी, बीजी या एलसी के लिए: रेज़िडेंशियल, इंडस्ट्रियल या कमर्शियल जमीन और न्यूनतम 100% के कुल एक्सपोजर के साथ बिल्डिंग प्रॉपर्टी या माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE) कवर के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट।
  • एचपीएल (एम) के लिए: न्यूनतम 100% के कुल एक्सपोजर या सीजीटीएमएसई कवर के साथ रेज़िडेंशियल, इंडस्ट्रियल या कमर्शियल भूमि और बिल्डिंग प्रॉपर्टी।
  • एसओडी-आरई के लिए: सभी मौजूदा एसेट।
  • यदि अचल संपत्तियां ज़रूरी मार्जिन को कवर नहीं कर सकती हैं, तो बैंक डिफरेंस अमाउंट को कवर करने के लिए टर्म डिपॉज़िट, एनएससी या लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी मंज़ूर कर सकता है। हालाँकि, बैंक सिक्योरिटी के रूप में थर्ड पार्टी इंस्ट्रुमेंट मंज़ूर नहीं करता है।
  • बैंक लीज़ पर दी गई इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी को मंज़ूर कर सकता है, बशर्ते लीज पीरियड कम से कम 30 साल (स्थायी लीज) हो और लीज एग्रीमेंट में मॉर्गेज राइट मौजूद हों।

गारंटर: गारंटर में उस प्रॉपर्टी के टाइटल होल्डर, डायरेक्टर या पार्टनर शामिल होते हैं जिन्हें लोन के लिए सिक्योरिटी के रूप में जमा किया जाता है। क्रेडिट पॉलिसी के मुताबिक, एक महिला डायरेक्टर या महिला प्रोपराइटर के लिए उसका पति गारंटर होगा।

केवीबी एमएसएमई टर्म लोन

उद्देश्य: केवीबी एमएसएमई टर्म लोन के तहत एमएसएमई सेक्टर के बिज़नेस के लिए व्यापार से संबंधित फिक्स्ड एसेट प्राप्त करने, लॉन्ग-टर्म फंड जुटाने, मौज़ूदा रेश्यो में सुधार आदि के लिए शॉर्ट और मीडियम टर्म लोन प्रदान किया जाता है। बैंक इस लोन के लिए केवल फैक्ट्री की जमीन की फाइनेंसिंग पर विचार नहीं करेगा।

ब्याज दर: बिज़नेस यूनिट के क्रेडिट स्कोर/रेटिंग के आधार पर ब्याज दर निर्धारित की जाती है।

लोन अवधि: 3 से 7 वर्ष (बिज़नेस के कैश फ्लो के आधार पर)

मार्जिन: बिल्डिंग के लिए 40% और मशीनरी के लिए 20%।

प्राइमरी सिक्योरिटी: सभी फिक्स्ड एसेट पर एक्स्क्लुसिव चार्ज और बिज़नेस के सभी मौज़ूदा एसेट पर सेकंड चार्ज।

कोलैटरल सिक्योरिटी: न्यूनतम 75% के कुल एक्सपोजर के साथ अचल संपत्तियों पर EM चार्ज। इसके अलावा, कुल एक्सपोजर के न्यूनतम 75% के बराबर अन्य टैंजिबल एसेट।

गारंटर: पार्टनर, प्रोपराइटर, डायरेक्टर या गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी के टाइटल होल्डर, और महिला गारंटर या महिला प्रोपराइटर के पति।

केवीबी एमएसएमई कैश

उद्देश्य: KVB का यह बिज़नेस लोन प्रोडक्ट OCC, सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट (SOD) या शॉर्ट टर्म लोन (W/C) के रूप में MSME बिज़नेस के लिए वर्किंग कैपिटल (W/C) सॉल्यूशन ऑफर करता है। बिज़नेस कच्चे माल की खरीद, रिसर्च और डेवलपमेंट से संबंधित खर्च को पूरा करने और आईएसओ सर्टिफिकेशन प्राप्त करने आदि के लिए एसटीएल का उपयोग कर सकते हैं।

ब्याज दर: KVB लोन के लिए अप्लाई करने वाले बिज़नेस  के क्रेडिट स्कोर या रेटिंग के आधार पर ब्याज दरें निर्धारित करता है।

लोन अवधि: केवीबी एमएसएमई कैश के तहत ऑफर की जाने वाली विभिन्न सुविधाओं के लिए लोन अवधि इस प्रकार है:

  • एसटीएल के लिए: 36 महीने तक
  • सीसी/एसओडी के लिए: 1 वर्ष (हर साल रिन्यु कराई जा सकती है)

मार्जिन: केवीबी एमएसएमई कैश के तहत विभिन्न सुविधाओं के लिए मार्जिन नीचे दिया गया है:

  • OCC: स्टॉक पर 25% और रिसीवेबल पर 40%
  • एसटीएल: 25%
  • एसओडी: 166.67% के कुल सिक्योरिटी कवरेज के साथ अचल संपत्ति (सिक्योरिटी के रूप में ऑफर की गई) पर न्यूनतम 40%

प्राइमरी सिक्योरिटी: केवीबी एमएसएमई ईजी लोन के लिए प्राइमरी सिक्योरिटी के बारे में नीचे बताया गया है:

  • ओसीसी/एसटीएल के लिए: सभी मौजूदा एसेट को गिरवी रखना। ड्रॉइंग पावर (कैश क्रेडिट लिमिट के तहत जितनी राशि विड्रॉ की जा सकती है) की कैलकुलेशन के लिए 120 दिनों तक के बुक डेट और पेड स्टॉक, सहयोगी संस्थाओं  के रिसीवेबल और खरीदे गए बिलों को छोड़कर।
  • एसओडी के लिए: बिल्डिंग प्रॉपर्टी और रेज़िडेंशियल, कमर्शियल या औद्योगिक जमीन के लिए कुल लिमिट का 150% का न्यूनतम कवर।

कोलैटरल सिक्योरिटी:

  • ओसीसी/एसटीएल के लिए: कुल एक्सपोजर के कम से कम 75% के साथ बिज़नेस यूनिट के सभी फिक्स्ड एसेट पर एक्स्क्लयुसिव चार्ज। इसके अलावा, न्यूनतम 75% के एक्सपोजर के साथ अन्य टैंजिबल एसेट।
  • एसओडी के लिए: सभी मौजूदा एसेट को गिरवी रखना।
  • गारंटर: पार्टनर, प्रोपराइटर, डायरेक्टर या गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी के टाइटल होल्डर, और महिला प्रोपराइटर या महिला गारंटर के पति।

केवीबी ईजी ट्रेड फिन

उद्देश्य: ये योजना 1 करोड़ रुपये के न्यूनतम टर्नओवर के साथ व्यापार में लगे व्यक्तियों, सोल प्रोपराइटर और पार्टनरशिप फर्म के लिए सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट के ज़रिए वर्किंग कैपिटल लोन प्रदान करती है।

ब्याज दर: KVB आवेदक के क्रेडिट स्कोर/रेटिंग के आधार पर ब्याज दरें तय करता है।

लोन राशि: 20 लाख रुपये तक

मार्जिन: 1 करोड़ रुपये (अधिकतम टर्नओवर)

प्राइमरी सिक्योरिटी: KVB ईजी ट्रेड फिन के लिए प्राइमरी सिक्योरिटी इस प्रकार है:

  • रेज़िडेंशियल या व्यावसायिक जमीन और बिल्डिंग प्रॉपर्टी
  • यदि अचल संपत्तियां ज़रूरी मार्जिन को कवर नहीं कर सकती हैं, तो बैंक डिफरेंस अमाउंट को कवर करने के लिए टर्म डिपॉज़िट, एनएससी या लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी मंज़ूर कर सकता है। लेकिन इसकी कुछ शर्तें हैं जिनके बारे में नीचे बताया गया है:
    • इंस्ट्रुमेंट आवेदक, प्रोपराइटर या आवेदक फर्म के पार्टनर के नाम पर होने चाहिए।
    • इंश्योरेंस पॉलिसियों के मामले में सरेंडर वैल्यू पर विचार किया जाएगा।
    • नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट के लिए, ज़रूरी है कि लॉक-इन अवधि (अगर कोई हो) पूरी हो चुकी हो और डिफरेंस अमाउंट को कवर करने के लिए सर्टिफिकेट की फेस वैल्यू को आधार बनाया जाएगा।
    • फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए मूल राशि और टर्म डिपॉजिट के लिए, मूल राशि और लागू ब्याज (लोन प्राप्त करने की तारीख पर)  पर विचार किया जाना चाहिए।

कोलैटरल सिक्योरिटी: स्टॉक-इन-ट्रेड को गिरवी रखना

गारंटर: प्रॉपर्टी का टाइटल होल्डर और पार्टनर।

रीपेमेंट: सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट एक साल की अवधि के लिए होगा, जिसका फाइनेंशियल या ऑपरेशनल परफॉर्मेंस के आधार पर बकाया तारीख के खत्म होने से पहले पुनर्मूल्यांकन और रिन्यु किया जाएगा।

स्वर्णमित्र

उद्देश्य: स्वर्णमित्र बिज़नेस लोन एक ओवरड्राफ्ट/ शॉर्ट-टर्म लोन फैसिलिटी है जो बैंक द्वारा व्यक्तियों की बिज़नेस संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ऑफर किया जाता है। इसके लिए ज्वैलरी को सिक्योरिटी के रूप में जमा किया जाता है।

ब्याज दर: 10.50% प्रति वर्ष

लोन राशि: न्यूनतम 1 लाख रुपये

लोन अवधि: 1 वर्ष। बैंक एक साल के लिए लिमिट को रिन्यु कर सकता है

प्राइमरी सिक्योरिटी: उधारकर्ता को 22 कैरेट की न्यूनतम शुद्धता वाले सोने के आभूषण और बैंकों द्वारा बेचे जाने वाले सोने की सिल्लियां सिक्योरिटी के रूप में जमा करनी चाहिए।

कोलैटरल सिक्योरिटी: शून्य

गारंटर: शून्य

अन्य नियम और शर्तें: KVB स्वर्णमित्र बिज़नेस लोन के लिए अन्य नियम और शर्तें इस प्रकार हैं:

  • हर महीने भुगतान की जाने वाली ब्याज
  • रिन्युअल के समय लागू गोल्ड रेट के आधार पर ये निर्धारित किया जाएगा कि आपकी ड्रॉइंग पावर कितनी होगी यानि कि आप कितना पैसा निकाल सकते हैं, जैसा कि बैंक द्वारा बताया गया है।
  • इस सुविधा का लाभ केवल वे लोग ही ले सकते हैं जिनके पास गोल्ड ज्वैलरी है।
  • ज्वैलरी को एक्सचेंज नहीं किया जा सकता है।
  • एक बार जब ओवरड्राफ्ट अकाउंट अनियमित/ ओवरड्यू हो जाता है, तो ज्वेल लोन (नीलामी आदि द्वारा वसूली) पर लागू प्रावधान इस लोन पर भी लागू होंगे।

ये भी पढ़ें: कम सिबिल स्कोर होने पर बिज़नेस लोन कैसे प्राप्त करें?

वर्तगा मित्र

उद्देश्य: वर्तगा मित्र एक सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट लोन और शॉर्ट- टर्म लोन है जो व्यापारियों को उनकी वर्किंग कैपिटल संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है। इस बिज़नेस लोन सुविधा के लिए व्यक्ति, प्रोपराइटरी फर्म, पार्टनरशिप फर्म, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), कंपनियां, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) आदि अप्लाई कर सकते हैं। बता दें कि लोन के लिए अप्लाई करने के लिए ये ज़रूरी है कि आपका बिज़नेस 1 साल या उससे अधिक समय से चल रहा हो।

ब्याज दर: वर्तगा मित्र योजना के लिए ब्याज दर बिज़नेस यूनिट के क्रेडिट स्कोर / रेटिंग के आधार पर निर्धारित की जाती है।

लोन राशि: 5 करोड़ रुपये तक

मार्जिन: 167% का सिक्योरिटी कवरेज

लोन अवधि: 1 वर्ष। बैंक अतिरिक्त 1 साल के लिए लिमिट को रिन्यु कर सकता है

प्राइमरी सिक्योरिटी: डिफरेंस अमाउंट को कवर करने के लिए 50% मार्जिन / टर्म डिपॉज़िट / नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट / जीवन बीमा पॉलिसी (सभी या उनमें से कोई भी एक) के साथ रेज़िडेंशियल या कमर्शियल जमीन और बिल्डिंग प्रॉपर्टी को भी मंज़ूर किया जा सकता है:

  • इंस्ट्रुमेंट आवेदक, प्रोपराइटर या आवेदक फर्म के पार्टनर के नाम पर होने चाहिए।
  • इंश्योरेंस पॉलिसी के मामले में सरेंडर वैल्यू पर विचार किया जाएगा।
  • नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट के लिए, लॉक-इन अवधि (अगर कोई हो) पूरी हो चुकी हो और डिफरेंस अमाउंट को कवर करने के लिए सर्टिफिकेट की फेस वैल्यू पर विचार किया जाएगा।

कोलैटरल सिक्योरिटी: स्टॉक-इन-ट्रेड और बुक डेट को गिरवी रखना

भुगतान: वर्तगा मित्र बिज़नेस लोन के मामले में भुगतान की शर्तों के बारे में नीचे बताया गया है:

  • सेविंग्स ओवरड्राफ्ट 1 साल के लिए होगा और फाइनेंशियल/ ऑपरेशनल परफॉर्मेंस के आधार पर बकाया तारीख की एक्सपायरी से पहले इसका पुनर्मूल्यांकन और इसे रिन्यु किया जाएगा।
  • शॉर्ट-टर्म लोन का भुगतान अधिकतम 60 महीने की अवधि में किया जा सकता है। यह भुगतान हर महीने मंथली रेस्ट (मौज़ूदा महीने के लिए ब्याज दर की कैलकुलेशन पिछले महीने की बकाया राशि के आधार पर की जाएगी) पर ईएमआई में किया जाएगा।

केवीबी ट्रांसपोर्ट प्लस

उद्देश्य: इस बिज़नेस लोन सुविधा के ज़रिए ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर, पुराने/नए वाहन (पुराना वाहन 5 साल से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए) खरीदने और वर्किंग कैपिटल फाइनेंस के लिए सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट/ वर्किंग कैपिटल डिमांड लोन (WCDL) के लिए टर्म लोन प्राप्त कर सकते हैं। व्यक्ति, प्रोपराइटरी फर्म, पार्टनरशिप फर्म, लिमिटेड कंपनी, ट्रस्ट, एसोसिएशन के साथ – साथ प्रायोरिटी/ नॉन- प्रायोरिटी सेक्टर के अंतर्गत आने वाले बिज़नेस ये लोन ले सकते हैं।

ब्याज दर: ब्याज दर आवेदक के क्रेडिट स्कोर/रेटिंग के आधार पर निर्धारित की जाती है

लोन राशि: 5 करोड़ रुपये तक

मार्जिन: केवीबी ट्रांसपोर्ट प्लस के लिए मार्जिन इस प्रकार है:

  • नया वाहन: 15% (वर्किंग कैपिटल फाइनेंस के लिए मार्जिन 50% है)
  • पुराना वाहन: 50%
  • शैक्षणिक संस्थान: 10%
  • इस लोन के लिए कोई प्रति बॉरोअर लिमिट नहीं है। हालांकि, नए/पुराने वाहनों के लिए वर्किंग कैपिटल फाइनेंस के लिए हर उधारकर्ता को अधिकतम 50 लाख रुपये तक का ही लोन ऑफर किया जा सकता है।

लोन अवधि: 1 साल। बैंक अवधि को अतिरिक्त 1 साल के लिए बढ़ा सकता है। हालांकि, पुराने/नए वाहनों के लिए वर्किंग कैपिटल फाइनेंस के मामले में, अवधि एसओडी के लिए 1 वर्ष और एसटीएल के लिए 3 वर्ष होती है।

प्राइमरी सिक्योरिटी: उस वाहन को गिरवी रखना जिसकी बॉडी बनकर तैयार है। वर्किंग कैपिटल फाइनेंस के लिए, बैंक में मौज़ूदा वाहन को गिरवी रखना पड़ता है, जो कि उधारकर्ता के नाम पर हो और कहीं सिक्योरिटी के रूप में जमा न हो ।

कोलैटरल सिक्योरिटी: इस KVB बिज़नेस लोन योजना के लिए ज़रूरी कोलैटरल सिक्योरिटी के बारे में नीचे बताया गया है:

  • 1 करोड़ रुपये तक की लोन लिमिट: शून्य (CGTMSE के तहत कवर)।
  • 1 करोड़ रुपये से अधिक की लोन लिमिट: जमीन/ बिल्डिंग पर इक्विटेबल मॉर्गेज (EM) या वो टैंजिबल सिक्योरिटी जिसकी कीमत मंज़ूर हुई लिमिट के कम से कम 75% तक हो।

जिन उधारकर्ताओं ने वर्किंग कैपिटल लोन के लिए अप्लाई करने के लिए अपने पुराने/नए वाहनों को सिक्योरिटी के रूप में जमा कराया है, उनके लिए कोलैटरल सिक्योरिटी जमा कराना वैकल्पिक है

गारंटर: पर्सनल या थर्ड पार्टी गारंटी / परिवार के सदस्य / पार्टनर, डायरेक्टर, ट्रस्टी, एसोसिएशन के सदस्य।

केवीबी फार्मा प्लस

उद्देश्य: ये KVB फार्मा बिज़नेस लोन योजना विशेष रूप से केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों के लिए ऑफर की जाती है। इसके तहत सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट (प्रॉपर्टी गिरवी रखने पर) या ओपन कैश क्रेडिट फैसिलिटी के रूप में वर्किंग कैपिटल लोन दिया जाता है। वे व्यक्ति जो उन केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन या पार्टनरशिप फर्म/प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के सदस्य हैं, जो संबंधित जिला एसोसिएशन से इंट्रोडक्टरी लेटर सबमिट कर सकते हैं, केवीबी फार्मा प्लस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

ब्याज दर: KVB फार्मा लोन के लिए ऑफर की जाने वाली ब्याज दर लोन प्राप्त करने वाले बिज़नेस के क्रेडिट स्कोर/रेटिंग पर निर्भर करती है।

लोन राशि: 5 करोड़ रुपये तक

मार्जिन:

  • एसओडी के लिए: लोन राशि के 166.67% के सिक्योरिटी कवरेज के साथ न्यूनतम 40%
  • ओसीसी के लिए: 25%

प्राइमरी सिक्योरिटी: नॉन-एग्रीकल्चरल प्रॉपर्टी (एसओडी के लिए) को गिरवी रख सकते हैं और 60 दिनों से कम पुराने स्टॉक और बुक डेट (ओसीसी के लिए)

कोलैटरल सिक्योरिटी: 60 दिनों से कम पुराने स्टॉक और बुक डेट को गिरवी रखना (एसओडी के लिए) और 75% के न्यूनतम कवरेज के साथ कोलैटरल सिक्योरिटी (ओसीसी के लिए)

गारंटर: केवीबी फार्मा प्लस के गारंटर नीचे दिए गए हैं:

  • SOD के लिए: एक फर्म के सभी पार्टनर
  • ओसीसी के लिए: सभी टाइटलहोल्डर की पर्सनल गारंटी के साथ- साथ एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सभी डायरेक्टर।

केवीबी स्टील प्लस

उद्देश्य: केवीबी स्टील प्लस लोन उन बिज़नेस की वर्किंग कैपिटल संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है जो फेरस/ नॉन- फेरस मेटल में व्यापार करते हैं और कम से कम 2 साल से प्रॉफिट में हैं। बैंक एसओडी/ओसीसी के रूप में वर्किंग कैपिटल लिमिट और बैंक गारंटी (BG), इनलैंड (देशी) लेटर ऑफ क्रेडिट (ILC) या फॉरन (विदेशी) लेटर ऑफ क्रेडिट (FLM) जैसी नॉन- फंड बेस्ड लिमिट प्रदान करता है।

ब्याज दर: केवीबी स्टील प्लस लोन के लिए ऑफर की जाने वाली ब्याज दर आवेदक के क्रेडिट स्कोर/रेटिंग के आधार पर निर्धारित की जाती है।

लोन अवधि:

  • SOD/OCC के लिए: बैंक एक चालू खाता प्रदान करता है जिसे साल में एक बार रिन्यु कराया जा सकता है।
  • बीजी, आईएलसी या एफएलसी के लिए: बैंक हर साल एक बार रनिंग फैसिलिटी प्रदान करता है जिसे रिन्यु कराया जा सकता है। बैंक 90 दिनों तक की अवधि के साथ एलसी और 120 दिनों से कम अवधि के लिए एफएलसी को मंजूरी दे सकता है। ये अवधि किसी बिज़नेस के ऑपरेशनल साइकल पर आधारित होती है।

मार्जिन: केवीबी स्टील प्लस बिजनेस लोन के लिए मार्जिन इस प्रकार है:

  • एसओडी के लिए: प्राइमरी सिक्योरिटी पर 40%।
  • OCC के लिए: स्टॉक पर 25% और बुक डेट पर 35% (90 दिनों से अधिक पुराना नहीं)
  • बीजी, आईएलसी या एफएलसी के लिए: 15% कैश मार्जिन।

प्राइमरी सिक्योरिटी:

  • एसओडी के लिए: एग्रीकल्चर प्रॉपर्टी के अलावा जमीन/ बिल्डिंग पर इक्विटेबल मॉर्गेज (166.67% सिक्योरिटी कवरेज के साथ)
  • OCC, BG, ILC या FLC: स्टॉक और बुक डेट सहित बिज़नेस के मौज़ूदा एसेट का मॉर्गेज।

कोलैटरल सिक्योरिटी:

  • एसओडी के लिए: सभी मौजूदा एसेट का मॉर्गेज (उधारकर्ता के वर्तमान/भविष्य के स्टॉक और बुक डेट समेत)
  • ओसीसी, आईएलसी, एफएलसी या बीजी के लिए: जमीन/ बिल्डिंग (कृषि संपत्ति के अलावा) पर इक्विटेबल मॉर्गेज। कोलैटरल सिक्योरिटी कवरेज कम से कम 75% होना चाहिए। हालांकि, शाखाओं और डीओ को कोलैटरल पर 100% सिक्योरिटी कवरेज प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।

गारंटर: पार्टनर (एक पार्टनरशिप फर्म में), डायरेक्टर (कंपनी के) या टाइटल होल्डर (सिक्योरिटी के रूप में जमा की गई अचल संपत्ति के) और महिला प्रोपराइटर या महिला पार्टनर का पति।

केवीबी टेक्सटाइल प्लस

उद्देश्य: केवीबी टेक्सटाइल प्लस कपड़ा और हथकरघा उत्पादों, यार्न ट्रेडर, कपास व्यापारियों और डीम्ड निर्माताओं (जो कपड़े खरीदते हैं और कढ़ाई या प्रिंटिंग आर्टवर्क के मामले में वैल्यू एड करते हैं, यानि कि प्रोडक्ट को मोडिफाई किया जाता है जिससे उसकी मार्केट वैल्यू बढ़ती है) से संबंधित बिज़नेस की वर्किंग कैपिटल संबंधी ज़रूरतों (ओपन कैश क्रेडिट या सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट) को पूरा करते हैं। बता दें कि बिज़नेस कम से कम 2 साल से प्रॉफिट में होने चाहिए।

ब्याज दर: केवीबी टेक्सटाइल प्लस के लिए ऑफर की जाने वाली ब्याज दर आवेदक के क्रेडिट स्कोर/रेटिंग के आधार पर निर्धारित की जाती है।

लोन राशि: 15 लाख रुपये से 5 करोड़ रुपये

लोन अवधि: करूर वैश्य बैंक इस बिज़नेस लोन के लिए एक चालू खाता प्रदान करता है जिसे हर साल रिन्यु किया जा सकता है

मार्जिन: करूर वैश्य बैंक टेक्सटाइल प्लस बिजनेस लोन के लिए मार्जिन इस प्रकार है:

  • एसओडी के लिए: प्राइमरी सिक्योरिटी पर 40%
  • OCC के लिए: स्टॉक पर 25% और बुक डेट पर 35% (90 दिनों से अधिक पुराना नहीं)

प्राइमरी सिक्योरिटी:

  • एसओडी के लिए: एग्रीकल्चर प्रॉपर्टी के अलावा जमीन/ बिल्डिंग पर इक्विटेबल मॉर्गेज (166.67% सिक्योरिटी कवरेज के साथ)
  • OCC के लिए: स्टॉक और बुक डेट सहित बिज़नेस के मौज़ूदा एसेट का मॉर्गेज।

कोलैटरल सिक्योरिटी:

  • एसओडी के लिए: सभी मौजूदा एसेट का मॉर्गेज (उधारकर्ता के वर्तमान/भविष्य के स्टॉक और बुक डेट समेत)
  • ओसीसी के लिए: जमीन/ बिल्डिंग (कृषि संपत्ति के अलावा) पर इक्विटेबल मॉर्गेज। कोलैटरल सिक्योरिटी कवरेज कम से कम 75% होना चाहिए। हालांकि, शाखाओं और डीओ को कोलैटरल पर 100% सिक्योरिटी कवरेज प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।

गारंटर: पार्टनर (एक पार्टनरशिप फर्म में), डायरेक्टर (कंपनी के) या टाइटल होल्डर (सिक्योरिटी के रूप में जमा की गई अचल संपत्ति के) और महिला प्रोपराइटर या महिला पार्टनर का पति।

केवीबी टिम्बर प्लस

उद्देश्य: KVB टिम्बर प्लस लोन वह बिज़नेस लोन प्रोडक्ट है जो टिम्बर इंडस्ट्री की वर्किंग कैपिटल संबंधी ज़रूरतों (सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट/ओपन कैश क्रेडिट) को पूरा करने में मदद करता है।

ब्याज दर: KVB बिज़नेस यूनिट के क्रेडिट स्कोर/रेटिंग के आधार पर इस योजना के लिए ब्याज दर निर्धारित करता है।

लोन अवधि:

  • फंड-बेस्ड विकल्पों के लिए: 1 साल (हर साल में रिन्यु कराया जा सकता है)
  • नॉन-फंड बेस्ड विकल्पों के लिए: एफएलसी के लिए 180 दिनों की अवधि और आईएलसी के लिए 120 दिनों की अवधि

मार्जिन: करूर वैश्य बैंक टिम्बर प्लस बिजनेस लोन के लिए मार्जिन इस प्रकार है:

  • एसओडी के लिए: उधारकर्ता द्वारा सिक्योरिटी के रूप में जमा की गई अचल संपत्ति पर न्यूनतम 40% (166.67% और उससे अधिक के सिक्योरिटी कवरेज के साथ)
  • ओसीसी के लिए: स्टॉक पर 25% और बुक डेट पर 40%। उधारकर्ता कितना पैसा निकाल सकता है, इस ड्रॉइंग पावर को कैलकुलेट करने के लिए बैंक 120 दिनों तक के बुक डेट और पेड स्टॉक को ध्यान में रखता है (सहायक कंपनी से रिसीवेबल को छोड़कर)
  • नॉन-फंड बेस्ड विकल्पों के लिए: 15% कैश मार्जिन

प्राइमरी सिक्योरिटी:

  • एसओडी के लिए: जमीन और बिल्डिंग सहित टिम्बर यूनिट और अन्य रेज़िडेंशियल या कमर्शियल अचल संपत्ति पर इक्विटेबल मॉर्गेज फीस (166.67% के सिक्योरिटी कवरेज के साथ)
  • OCC के लिए: सभी मौज़ूदा एसेट का मॉर्गेज
  • नॉन-फंड बेस्ड विकल्पों के लिए: बैंक से लिए गए लोन और अन्य मौजूदा संपत्तियों से खरीदे गए शेयरों का मॉर्गेज।

कोलैटरल सिक्योरिटी:

  • एसओडी के लिए: बिज़नेस यूनिट के सभी मौजूदा संपत्ति गिरवी रख सकते हैं
  • ओसीसी के लिए: जमीन और बिल्डिंग सहित टिम्बर यूनिट और अन्य रेज़िडेंशियल या कमर्शियल अचल संपत्ति पर इक्विटेबल मॉर्गेज फीस (75% के न्यूनतम सिक्योरिटी कवरेज के साथ)
  • नॉन-फंड बेस्ड विकल्पों के लिए: जमीन और बिल्डिंग सहित टिम्बर यूनिट और अन्य अचल संपत्ति या टैंजिबल सिक्योरिटी पर इक्विटेबल मॉर्गेज फीस (75% के सिक्योरिटी कवरेज के साथ)

गारंटर: पार्टनर, प्रोपराइटर, डायरेक्टर या प्रॉपर्टी के टाइटल होल्डर और महिला गारंटर या महिला प्रोपराइटर का पति बन सकता है।

केवीबी कंस्ट्रक्शन प्लस

उद्देश्य: KVB कंस्ट्रक्शन प्लस लोन को उन कंस्ट्रक्शन और इंटरनल मैटेरियल ट्रेडर की वर्किंग कैपिटल संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है जिन्हें बिज़नेस में कम से कम 2 साल से प्रॉफिट हो रहा हो। केवीबी कंस्ट्रक्शन प्लस में फंड बेस्ड (ओपन कैश क्रेडिट या सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट) और नॉन-फंड बेस्ड लिमिट (बैंक गारंटी, इनलैंड लेटर ऑफ क्रेडिट या फॉरन लेटर ऑफ क्रेडिट) दोनों शामिल हैं। जो बिज़नेस ये लोन लेना चाहते हैं, उनका न्यूनतम KVB (BB) स्कोर 51 होना चाहिए।

ब्याज दर: केवीबी कंस्ट्रक्शन प्लस योजना के लिए ऑफर की जाने वाली ब्याज दर आवेदक के क्रेडिट स्कोर/रेटिंग के आधार पर निर्धारित की जाती है।

लोन राशि: करूर वैश्य बैंक कंस्ट्रक्शन प्लस बिज़नेस लोन के लिए लोन राशि के बारे में नीचे बताया गया है:

  • एसओडी-आरई/ओसीसी के लिए: 15 लाख रुपये से 10 करोड़ रुपये
  • बीजी/आईएलसी/एफएलसी के लिए: 5 करोड़ रुपये तक

फंड बेस्ड और नॉन-फंड बेस्ड दोनों प्रकार की सुविधाओं का लाभ उठाने वाले बिज़नेस की कुल लोन राशि 15 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।

लोन अवधि: केवीबी कंस्ट्रक्शन प्लस के लिए लोन अवधि के बारे में नीचे बताया गया है:

  • SOD-RE/OCC के लिए: बैंक एक चालू खाता प्रदान करता है जिसे हर साल रिन्यु कराया जा सकता है।
  • बीजी, आईएलसी या एफएलसी के लिए: बैंक एक रनिंग फैसिलिटी प्रदान करता है जिसे हर साल रिन्यु कराया जा सकता है।
  • ILC की अवधि 90 दिनों तक होनी चाहिए और FLC की अवधि 120 दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए। बैंक द्वारा मंज़ूर की गई ILC/FLC की अवधि बिज़नेस के ऑपरेशनल साइकल के आधार पर निर्धारित की जाती है।

मार्जिन: इस बिजनेस लोन योजना के लिए मार्जिन इस प्रकार है:

  • एसओडी के लिए: प्राइमरी सिक्योरिटी पर 40%
  • ओसीसी के लिए: स्टॉक पर 25% और बुक डेट पर 35% जो 90 दिनों से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए (बैंक की क्रेडिट पॉलिसी के अनुसार व्यापारियों के लिए 40% मार्जिन के अगेंस्ट)
  • बीजी, आईएलजी या एफएलसी के लिए: 15% कैश मार्जिन

प्राइमरी सिक्योरिटी:

  • एसओडी के लिए: एग्रीकल्चर प्रॉपर्टी के अलावा जमीन/ बिल्डिंग पर इक्विटेबल मॉर्गेज (166.67% सिक्योरिटी कवरेज के साथ)
  • ओसीसी, बीजी, आईएलसी या एफएलसी के लिए: स्टॉक और बुक डेट सहित बिज़नेस के मौज़ूदा एसेट का मॉर्गेज।

कोलैटरल सिक्योरिटी:

  • SOD-RE के लिए: स्टॉक और बुक डेट (वर्तमान और भविष्य दोनों) सहित बिज़नेस के मौज़ूदा एसेट को गिरवी रखना
  • OCC, BG, ILC या FLC: एग्रीकल्चर प्रॉपर्टी के अलावा अन्य जमीन/ बिल्डिंग पर इक्विटेबल मॉर्गेज। न्यूनतम कोलैटरल सिक्योरिटी कवर 100% (बिना किसी छूट के) होना चाहिए। हालांकि, ब्रांच और डीओ को कोलैटरल सिक्योरिटी का 125% कवरेज प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
  • यदि अचल संपत्तियां ज़रूरी मार्जिन को कवर नहीं कर सकती हैं, तो बैंक डिफरेंस अमाउंट को कवर करने के लिए टर्म डिपॉज़िट, एनएससी या लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी मंज़ूर कर सकता है। हालाँकि, बैंक थर्ड-पार्टी इंस्ट्रुमेंट को कोलैटरल सिक्योरिटी के रूप में मंज़ूर नहीं करता है।
  • बैंक अपनी क्रेडिट पॉलिसी के प्रावधानों के मुताबिक थर्ड पार्टी प्रॉपर्टी को मंज़ूर कर सकता है।

गारंटर: बैंक की क्रेडिट पॉलिसी के अनुसार लोन के लिए सिक्योरिटी के रूप में जमा की गई अचल संपत्ति के टाइटल होल्डर, डायरेक्टर या पार्टनर और महिला प्रोपराइटर, महिला पार्टनर या महिला गारंटर के पति।

केवीबी कंस्ट्र्क्शन प्लस (ठेकेदारों के लिए)

योग्यता (ठेकेदारों के लिए):
  • वे ठेकेदार और उप-ठेकेदार जिन्होंने सिविल, कंस्ट्रक्शन, बिजली, इंफ्रा, सिंचाई, पीने के पानी या जल निकासी के लिए पाइप बिछाने का काम कॉन्ट्रैक्ट पर लिया हुआ है, केवीबी कंस्ट्रक्शन प्लस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। बता दें कि बिज़नेस 2 साल से ज्यादा समय से प्रॉफिट में होना चाहिए।
  • बैंक को केवल उन ठेकेदारों को ही लोन ऑफर करना चाहिए जिनकी अच्छी रेप्युटेशन हो और स्थायी ट्रैक रिकॉर्ड हो। शुरुआत में न्यूनतम रेटिंग 51 केवीबी (बीबी) स्कोर होता है। फंड बेस्ड वर्किंग कैपिटल लिमिट (कैश फ्लो स्टटेमेंट में अधिकतम जितना डेफिसिट हो सकता है) और नॉन-फंड बेस्ड लिमिट आमतौर पर बिज़नेस यूनिट के नेट ओन्ड फंड (NOF) के कुल 10 गुना से अधिक नहीं होनी चाहिए।
सुविधा किस प्रकार की है:
  • एसओडी-आरई के लिए: इस बिज़नेस लोन का मूल्यांकन कैश बजट सिस्टम के आधार पर किया जाता है। बैंक, अनुमानित कैश फ्लो स्टेटमेंट के आधार पर जितना अधिकतम क्युमुलेटिव कैश डेफिसिट हो सकता है, उस आधार पर लिमिट को मंजूरी देगा। बैंक मासिक कैश फ्लो स्टेटमेंट में डेफिसिट तक पैसे निकालने को सीमित कर देगा। KVB पिछले सालों के वास्तविक कैश फ्लो स्टेटमेंट और उधारकर्ता की आर्थिक ज़रूरत के आधार पर अनुमानित कैश फ्लो स्टेटमेंट को मंज़ूर या नामंज़ूर कर सकता है।
  • एचपीएल (एम) के लिए: नई/पुरानी मशीनरी खरीदने के लिए।
  • नॉन-फंड बेस्ड लिमिट के लिए: आईएलसी (कच्चा माल या मशीनरी खरीदने के लिए) या बीजी (बिड बॉन्ड गारंटी, परफॉर्मेंस गारंटी या ठेकेदार को कॉन्ट्रैक्ट सिक्योर करने में मदद करने के लिए फाइनेंशियल गारंटी)।

ब्याज दर: बैंक द्वारा आवेदक के क्रेडिट स्कोर/रेटिंग के आधार पर ब्याज दर निर्धारित की जाती है

लोन राशि: करूर वैश्य बैंक कंस्ट्रक्शन प्लस बिज़नेस लोन के लिए लोन राशि नीचे दी गई है:

  • एसओडी-आरई के लिए: 15 लाख रुपये से 5 करोड़ रुपये।
  • एचपीएल (एम) के लिए: 5 करोड़ रुपये तक
  • नॉन-फंड बेस्ड के लिए: अधिकतम 10 करोड़ रुपये। फंडेड और नॉन-फंडेड दोनों तरह की लिमिट 20 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।

लोन अवधि: केवीबी कंस्ट्रक्शन प्लस (ठेकेदारों के लिए) के लिए निर्धारित लोन अवधि के बारे में नीचे बताया गया है:

  • SOD-RE/OCC के लिए: बैंक एक चालू खाता प्रदान करता है जिसे हर साल रिन्यु कराया जा सकता है।
  • बीजी/आईएलसी के लिए: बैंक रनिंग फैसिलिटी प्रदान करता है जिसे साल में एक बार रिन्यु कराया जा सकता है।
  • बैंक वस्तुएं खरीदने के लिए 120 दिनों तक और मशीनरी खरीदने के लिए 180 दिनों की अवधि के साथ आईएलसी को मंजूरी दे सकता है। अवधि बिज़नेस यूनिट के ऑपरेशनल साइकल के आधार पर निर्भर करती है।
  • एचपीएल (एम): कैश फ्लो / डीएससीआर के आधार पर अधिकतम 6 वर्ष (हॉलिडे पीरियड को छोड़कर और हॉलिडे पीरियड 1 साल से अधिक नहीं होना चाहिए)।

मार्जिन: इस बिजनेस लोन योजना के लिए मार्जिन इस प्रकार है:

  • एसओडी के लिए: प्राइमरी सिक्योरिटी पर 40%
  • ओसीसी के लिए: मशीनरी की कुल कीमत पर 25% और पुरानी मशीनरी के मामले में 50%
  • बीजी/आईएलजी के लिए: 15% कैश मार्जिन

प्राइमरी सिक्योरिटी:

  • एसओडी-आरई के लिए: एग्रीकल्चरल प्रॉपर्टी के अलावा जमीन/ बिल्डिंग पर इक्विटेबल मॉर्गेज (167% सिक्योरिटी कवरेज के साथ)
  • एचपीएल (एम): बैंक फाइनेंस से खरीदी गई मशीनरी
  • बीजी/आईएलसी के लिए: स्टॉक और बुक डेट सहित सभी मौजूदा एसेट को गिरवी रखना

कोलैटरल सिक्योरिटी:

  • SOD-RE के लिए: स्टॉक और बुक डेट (वर्तमान और भविष्य दोनों) सहित बिज़नेस के मौज़ूदा एसेट को गिरवी रखना
  • एचपीएल (एम)/बीजी/आईएलसी के लिए: एग्रीकल्चरल प्रॉपर्टी के अलावा अन्य जमीन/ बिल्डिंग पर इक्विटेबल मॉर्गेज। न्यूनतम कोलैटरल सिक्योरिटी कवर 100% (बिना किसी छूट के) होना चाहिए। हालांकि, ब्रांच और डीओ को कोलैटरल सिक्योरिटी (कैश मार्जिन को छोड़कर) के 125% कवरेज को प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए।
  • यदि अचल संपत्तियां ज़रूरी मार्जिन को कवर नहीं कर सकती हैं, तो बैंक डिफरेंस अमाउंट को कवर करने के लिए टर्म डिपॉज़िट, एनएससी या लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी मंज़ूर कर सकता है। हालाँकि, बैंक थर्ड-पार्टी इंस्ट्रुमेंट को कोलैटरल सिक्योरिटी के रूप में मंज़ूर नहीं करता है।
  • बैंक अपनी क्रेडिट पॉलिसी के प्रावधानों के मुताबिक थर्ड पार्टी प्रॉपर्टी को मंज़ूर कर सकता है।

गारंटर: बैंक की क्रेडिट पॉलिसी के अनुसार लोन के लिए सिक्योरिटी के रूप में जमा की गई अचल संपत्ति के टाइटल होल्डर, डायरेक्टर या पार्टनर और महिला प्रोपराइटर, महिला पार्टनर या महिला गारंटर का पति।

केवीबी राइस प्लस

उद्देश्य: KVB राइस प्लस वर्किंग कैपिटल डिमांड लोन, शॉर्ट टर्म लोन, ओपन कैश क्रेडिट या सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट जैसे इंस्ट्रुमेंट के ज़रिए राइस मिलों (3 साल से अधिक समय से प्रॉफिट हो रहा हो) की वर्किंग कैपिटल संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है। बैंक 6 महीने तक सीसी/एसओडी और 2 महीने तक डब्ल्यूसीडीएल/एसटीएल प्रदान कर सकता है। केवीबी राइस प्लस बिजनेस लोन, नए बिज़नेस की स्थापना के लिए प्लांट और मशीनरी खरीदने/ फैक्ट्री बिल्डिंग, मौजूदा बिज़नेस के विस्तार और प्लांट, मशीनरी या नए कारखाने के निर्माण में निवेश के लिए टर्म लोन (TL) भी प्रदान करता है।

योग्यता: सभी राइस मिलर जिनका बिज़नेस 3 साल से अधिक समय से  प्रॉफिट में है, वे केवीबी राइस प्लस बिजनेस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। बैंक मौजूदा प्रॉफिटेबल यूनिट के प्रमोटरों द्वारा स्थापित नई चावल मिलों के लिए छूट भी दे सकता है।

फैसिलिटी किस प्रकार की है:
  • एसओडी-आरई के लिए: इस बिज़नेस लोन का मूल्यांकन कैश बजट सिस्टम के आधार पर होता है। बैंक अनुमानित कैश फ्लो स्टेटमेंट के आधार पर जितना अधिकतम क्युमुलेटिव कैश डेफिसिट हो सकता है, उस आधार पर लिमिट को मंजूरी देगा। बैंक मासिक कैश फ्लो स्टेटमेंट में डेफिसिट तक पैसे निकालने को सीमित कर देगा। KVB पिछले सालों के वास्तविक कैश फ्लो स्टेटमेंट और उधारकर्ता की आर्थिक ज़रूरत के आधार पर अनुमानित कैश फ्लो स्टेटमेंट को मंज़ूर या नामंज़ूर कर सकता है।
  • एचपीएल (एम) के लिए: नई/पुरानी मशीनरी खरीदने के लिए।
  • नॉन-फंड बेस्ड लिमिट के लिए: आईएलसी (कच्चा माल या मशीनरी खरीदने के लिए) या बीजी (बिड बॉन्ड गारंटी, परफॉर्मेंस गारंटी या ठेकेदार को कॉन्ट्रैक्ट सिक्योर करने में मदद करने के लिए फाइनेंशियल गारंटी)।

ब्याज दर: बैंक द्वारा आवेदक के क्रेडिट स्कोर/रेटिंग के आधार पर ब्याज दर निर्धारित की जाती है

लोन राशि: करूर वैश्य बैंक कंस्ट्रक्शन प्लस बिज़नेस लोन के लिए लोन राशि नीचे दी गई है:

  • एसओडी-आरई के लिए: 15 लाख रुपये से 5 करोड़ रुपये।
  • एचपीएल (एम) के लिए: 5 करोड़ रुपये तक
  • नॉन-फंड बेस्ड के लिए: अधिकतम 10 करोड़ रुपये। फंडेड और नॉन-फंडेड दोनों लिमिट 20 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।

लोन अवधि: केवीबी कंस्ट्रक्शन प्लस (ठेकेदारों के लिए) के लिए लोन अवधि इस प्रकार है:

  • सीसी/एसओडी के लिए: 1 वर्ष
  • एसटीएल/डब्ल्यूसीडीएल के लिए: 3 महीने। फसल के मौसम और धान की खरीद के पैटर्न के आधार पर उधारकर्ता वर्ष में एक से अधिक बार डब्ल्यूसीडीएल/एसटीएल का लाभ उठा सकता है।
  • टर्म लोन के लिए: 5 वर्ष तक।

मार्जिन: इस बिजनेस लोन योजना के लिए मार्जिन इस प्रकार है:

  • सीसी के लिए: स्टॉक पर 25% और बुक डेट पर 40%
  • एसओडी के लिए: प्राइमरी सिक्योरिटी पर 40%
  • डब्ल्यूसीडीएल के लिए: शेयरों पर 25%
  • एसटीएल के लिए: शून्य
  • मशीनरी के लिए 25% और बिल्डिंग के लिए 40% या अधिक।

प्राइमरी सिक्योरिटी:

  • सीसी/डब्ल्यूसीडीएल के लिए: फर्म के मौजूदा और भविष्य के एसेट पर पहला चार्ज
  • एसओडी के लिए: सिक्योरिटी के रूप में जमा की गई चावल मिल की भूमि, फैक्ट्री बिल्डिंग (प्लांट और मशीनरी को छोड़कर) और अन्य अचल संपत्तियों पर ईएम चार्ज। बैंक कृषि भूमि को सिक्योरिटी के रूप में मंज़ूर नहीं करेगा
  • एसटीएल के लिए: फैक्ट्री बिल्डिंग (प्लांट और मशीनरी को छोड़कर), राइस मिल की जमीन और सिक्योरिटी के तौर पर दी गई अन्य अचल संपत्तियों पर ईएम चार्ज। बैंक कृषि भूमि को सिक्योरिटी के रूप में मंज़ूर नहीं करेगा। सीसी/एसओडी लिमिट के लिए उपलब्ध सिक्योरिटी कवरेज को छोड़कर न्यूनतम सिक्योरिटी कवरेज 100% होना चाहिए।
  • टर्म लोन के लिए: उन प्लांट और मशीनरी को गिरवी रखना जिन्हें बैंक से लिए गए लोन के ज़रिए न खरीदा गया हो।

कोलैटरल सिक्योरिटी:

  • CC/WCDL के लिए: फैक्ट्री बिल्डिंग (प्लांट और मशीनरी के अलावा), राइस मिल की जमीन और सिक्योरिटी के तौर पर जमा की गई अन्य अचल संपत्तियों पर EM चार्ज। बैंक को कम से कम 75% के कोलैटरल सिक्योरिटी कवरेज की ज़रूरत होगी।
  • एसओडी/एसटीएल के लिए: फर्म के मौजूदा और भविष्य के एसेट दोनों पर अतिरिक्त शुल्क।
  • जहां भी राइस मिल लीज के आधार पर प्रदान की जाती है, बैंक रेज़िडेंशियल/ कमर्शियल प्रॉपर्टी को सिक्योरिटी के रूप में मंज़ूर कर सकता है
  • टर्म लोन: सिक्योरिटी के रूप में प्रदान की गई फैक्ट्री बिल्डिंग (प्लांट और मशीनरी के अलावा), चावल मिल की जमीन और अन्य अचल संपत्तियों पर ईएम शुल्क। बैंक को कम से कम 75% की कोलैटरल सिक्योरिटी कवरेज की ज़रूरत होगी। बैंक एग्रीकल्चरल प्रॉपर्टी को सिक्योरिटी के रूप में मंज़ूर कर सकता है, बशर्ते बैंक के सेंट्रल ऑफिस से मंज़ूरी मिली हो। सिक्योरिटी के रूप में ऑफर की जाने वाली एग्रीकल्चरल प्रॉपर्टी की कुल कीमत कुल सिक्योरिटी के 25% से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर राइस मिल लीज़ पर प्रदान की जाती है, तो लीज पीरियड में टर्म लोन की भुगतान अवधि शामिल होनी चाहिए। केवीबी लीज पर रखी गई प्रॉपर्टी पर टर्म लोन (बिल्डिंग) ऑफर नहीं करेगा।

गारंटर: फर्म के पार्टनर/प्रोपराइटर और सिक्योरिटी के रूप में जमा की गई अचल संपत्ति के टाइटल होल्डर।

केवीबी कमोडिटी प्लस

उद्देश्य: केवीबी कमोडिटी प्लस सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट, ओपन कैश क्रेडिट, पैकिंग क्रेडिट लिमिट (पीसीएल) या फॉरन बिल परचेज (एफबीपी) जैसे इंस्ट्रुमेंट के ज़रिए उन कमोडिटी ट्रेडर्स की वर्किंग कैपिटल संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने और कच्चा माल खरीदने के लिए इनलैंड या फॉरन लेटर ऑफ क्रेडिट प्राप्त करने में मदद करता है जिनका व्यापार कम से कम 2 साल से प्रॉफिट में हो और केवीबी (बीबी) स्कोर 51 और उससे अधिक हो। व्यक्ति, सोल प्रोपराइटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप, एचयूएफ और कंपनियां इस लोन के लिए अप्लाई कर सकती हैं।

फैसिलिटी किस प्रकार की है:
  • फंड बेस्ड: OCC / SOD-RE / PCL / FBN / FBP
  • नॉन-फंड बेस्ड: आईएलसी/एफएलसी (कच्चा माल खरीदने/आयात के लिए)।

ब्याज दर: ब्याज दर आवेदक की क्रेडिट रेटिंग या स्कोर पर आधारित होती है

लोन राशि: वर्किंग कैपिटल संबंधी ज़रूरतों के लिए 15 लाख रुपये से 10 करोड़ रुपये (फंड बेस्ड और नॉन-फंड बेस्ड लिमिट को एक साथ रखा गया है)।

लोन अवधि:

  • OCC / SOD-RE / PCL / FBN / FBP / LC के लिए: 1 वर्ष।
  • यूजेंस पीरियड के लिए: एफएलसी के लिए 180 दिन और आईएलसी के लिए 120 दिन।

मार्जिन: इस बिजनेस लोन योजना के लिए मार्जिन इस प्रकार है:

  • OCC: स्टॉक पर 25% और 90 दिनों से अधिक पुराने बुक डेट पर 35%।
  • एसओडी-आरई: प्राइमरी सिक्योरिटी पर 40%
  • आईएलसी / एफएलसी: 15% कैश मार्जिन
  • पीसीएल: 25%
  • एफबीएन: शून्य
  • एफबीपी: 10%

प्राइमरी सिक्योरिटी:

  • OCC, PCL, FBN, FBP, ILC या FLC के लिए: सभी मौज़ूदा एसेट को गिरवी रखना।
  • एसओडी-आरई के लिए: एग्रीकल्चरल प्रॉपर्टी के अलावा रेज़िडेंशियल या कमर्शियल प्रॉपर्टी पर इक्विटेबल मॉर्गेज (167% के न्यूनतम सिक्योरिटी कवरेज के साथ)।

कोलैटरल सिक्योरिटी:

  • एसओडी-आरई के लिए: मौज़ूदा एसेट को गिरवी रखना
  • OCC, PCL, ILC, FLC, FBN or FBP: 75% के न्यूनतम कोलैटरल सिक्योरिटी कवरेज के साथ। एग्रीकल्चरल प्रॉपर्टी के अलावा रेज़िडेंशियल/ कमर्शियल प्रॉपर्टी पर इक्विटेबल मॉर्गेज। बैंक किसी भी तरह की छूट नहीं देगा। यदि अचल संपत्तियां ज़रूरी मार्जिन को कवर नहीं कर पाती हैं, तो बैंक डिफरेंस अमाउंट को कवर करने के लिए टर्म डिपॉज़िट, एनएससी, जीवन बीमा पॉलिसी मंज़ूर कर सकता है। हालांकि, थर्ड पार्टी इंस्ट्रुमेंट मंज़ूर नहीं किए जाते हैं।
  • क्रेडिट पॉलिसी के प्रावधानों के अनुसार थर्ड पार्टी इंस्ट्रुमेंट मंज़ूर किए जा सकते हैं।

गारंटर: बैंक के क्रेडिट प्रावधानों के अनुसार लोन के लिए सिक्योरिटी के रूप में जमा की गई प्रॉपर्टी के टाइटल होल्डर, पार्टनर, प्रोपराइटर, या डायरेक्टर और महिला पार्टनर या महिला प्रोपराइटर के पति।

केवीबी फूड एंड एग्रो प्रोसेस प्लस

उद्देश्य: केवीबी फूड एंड एग्रो प्रोसेस प्लस उन एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग कंपनियों को ओवरड्राफ्ट, ओपन कैश क्रेडिट, पैकिंग क्रेडिट लिमिट (पीसीएल) या फॉरन बिल परचेज (एफबीपी) जैसे फंड बेस्ड इंस्ट्रुमेंट और मशीनरी या कच्चा माल खरीदने/ आयात के लिए इनलैंड या फॉरन लेटर ऑफ क्रेडिट जैसे नॉन-फंड बेस्ड इंस्ट्रुमेंट प्राप्त करने या बायर्स क्रेडिट की मंज़ूरी में मदद करता है जिनका बिज़नेस कम से कम 2 साल से प्रॉफिट में हो और केवीबी (बीबी) स्कोर 51 और उससे अधिक हो।

फैसिलिटी किस प्रकार की है:
  • फंड बेस्ड: OCC / SOD-RE / PCL / FBN / FBP
  • नॉन- फंड बेस्ड: आईएलसी/एफएलसी (कच्चे माल की खरीद/आयात के लिए)।

ब्याज दर: बैंक द्वारा आवेदक के क्रेडिट स्कोर/रेटिंग के आधार पर ब्याज दर निर्धारित की जाती है।

लोन राशि:

  • वर्किग कैपिटल लिमिट (फंड और नॉन-फंड बेस्ड की कुल लिमिट): 15 लाख रुपये से 10 करोड़ रुपये
  • टीएल(बी) और/या एचपीएल(एम): 5 करोड़ रुपये तक
  • वर्किंग कैपिटल लिमिट और टर्म लोन दोनों का अधिकतम एक्सपोजर 15 करोड़ रुपये है।

लोन अवधि:

  • OCC, SOD-RE, PCL, FBN, FBP या LC: 1 वर्ष।
  • एचपीएल (एम) / टीएल (बी): कैश फ्लो / डीएससीआर के आधार पर 6 साल तक (हॉलिडे पीरियड के अलावा और हॉलिडे पीरियड 1 साल से अधिक नहीं होना चाहिए)।
  • यूजेंस पीरियड: FLC के लिए 180 दिन और ILC के लिए 120 दिन।

मार्जिन: इस बिजनेस लोन योजना के लिए मार्जिन इस प्रकार है:

  • OCC: स्टॉक पर 25% और 90 दिनों से अधिक पुराने बुक डेट पर 35%।
  • एसओडी-आरई: प्राइमरी सिक्योरिटी पर 40%।
  • एचपीएल (एम): मशीनरी की कीमत पर 25%, पुरानी मशीनरी के मामले में 50%।
  • टीएल (बी): अनुमानित कंस्ट्रक्शन कॉस्ट पर 40%।
  • ILC/FLC: 15% कैश मार्जिन।
  • पीसी: 25%
  • एफबीपी: 10%
  • एफबीएन: शून्य

प्राइमरी सिक्योरिटी:

  • OCC, PCL, FBN, FBP, ILC या FLC के लिए: मौजूदा एसेट को गिरवी रखना।
  • एसओडी-आरई के लिए: एग्रीकल्चरल प्रॉपर्टी के अलावा रेज़िडेंशियल या कमर्शियल प्रॉपर्टी पर इक्विटेबल मॉर्गेज (167% के न्यूनतम सिक्योरिटी कवरेज के साथ)।
  • एचपीएल (एम) के लिए: बैंक से लिए गए लोन से खरीदी जाने वाली मशीनरी
  • टीएल (बी) के लिए: जमीन और बिल्डिंग का निर्माण बैंक से लिए गए लोन से किया जाना है।

कोलैटरल सिक्योरिटी:

  • एसओडी-आरई के लिए: मौज़ूदा एसेट को गिरवी रखना
  • OCC, PCL, ILC, FLC, FBN or FBP: 75% के न्यूनतम कोलैटरल सिक्योरिटी कवरेज के साथ एग्रीकल्चरल प्रॉपर्टी के अलावा रेज़िडेंशियल/ कमर्शियल प्रॉपर्टी पर इक्विटेबल मॉर्गेज। बैंक किसी भी तरह की छूट नहीं देगा। यदि अचल संपत्तियां ज़रूरी मार्जिन को कवर नहीं कर पाती हैं, तो बैंक डिफरेंस अमाउंट को कवर करने के लिए टर्म डिपॉज़िट, एनएससी, जीवन बीमा पॉलिसी मंज़ूर कर सकता है। हालांकि, थर्ड पार्टी इंस्ट्रुमेंट मंज़ूर नहीं किए जाते हैं।

गारंटर: बैंक के क्रेडिट प्रावधानों के अनुसार लोन के लिए सिक्योरिटी के रूप में जमा की गई प्रॉपर्टी के टाइटल होल्डर, पार्टनर, प्रोपराइटर, या डायरेक्टर और महिला गारंटर, महिला पार्टनर या महिला प्रोपराइटर के पति।

केवीबी पीओएस प्लस

उद्देश्य: केवीबी पीओएस प्लस योजना के तहत पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) फैसिलिटी का उपयोग करने वाले व्यापारियों के लिए कार्ड स्वाइप के अगेंस्ट लोन ऑफर किया जाता है, जो पीओएस स्वाइप के ज़रिए उनके बैंक अकाउंट में जमा की गई कुल राशि पर निर्भर करता है। व्यक्ति, एचयूएफ, प्रोपराइटर, फर्म, एलएलपी, कंपनियां, ट्रस्ट या सोसाइटी जो बिज़नेस संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए केवीबी के माध्यम से पीओएस सुविधा का उपयोग कम से कम 6 महीने (नए व्यापारियों के लिए कम से कम 3 महीने) से कर रहे हैं, इस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इस सुविधा के ज़रिए व्यक्ति वर्किंग कैपिटल और टर्म लोन फैसिलिटी के बीच स्विच भी कर सकते हैं।

ब्याज दर: ब्याज दर बिज़नेस लोन आवेदक के क्रेडिट स्कोर/रेटिंग के आधार पर निर्धारित की जाती है।

लोन राशि: 5 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये

लोन अवधि:

  • वर्किंग कैपिटल: 1 वर्ष
  • टर्म लोन: 2 वर्ष तक

मुख्य बैंकों से सबसे बेहतर वर्किंग कैपिटल लोन ऑफर प्राप्त करें अभी अप्लाई करें

करूर वैश्य बैंक बिज़नेस लोन की योग्यता शर्तें

करूर वैश्य बैंक बिज़नेस लोन की विभिन्न योजनाओं के लिए अप्लाई करने के लिए निर्धारित योग्यता शर्तों के बारे में नीचे बताया गया है:

  • KVB MSME ईजी लोन के लिए: बिज़नेस जो कम से कम 1 साल से चल रहा हो और पिछले वित्त वर्ष में बिज़नेस का टर्नओवर 1 करोड़ रु. से कम रहा हो।
  • KVB ईजी के लिए: न्यूनतम 1 करोड़ रुपये का टर्नओवर
  • वर्तगा मित्रा के लिए: बिज़नेस कम से कम 1 साल से चल रहा हो
  • केवीबी ट्रांसपोर्ट प्लस के लिए: पुराना वाहन 5 साल से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए
  • केवीबी फार्मा प्लस के लिए: केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन या पार्टनरशिप फर्मों/प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के व्यक्तिगत सदस्य जो संबंधित जिला एसोसिएशन से इंट्रोडक्टरी लेटर जमा कर सकते हैं
  • KVB Steel Plus के लिए: कम से कम 2 साल से बिज़नेस चल रहा हो और प्रॉफिट कमा रहा हो
  • KVB टेक्सटाइल प्लस के लिए: कम से कम 2 साल से बिज़नेस चल रहा हो और प्रॉफिट कमा रहा हो
  • KVB कंस्ट्रक्शन प्लस के लिए: कम से कम 2 साल से बिज़नेस चल रहा हो और प्रॉफिट कमा रहा हो और KVB (BB) का स्कोर 51 और उससे अधिक हो
  • KVB कंस्ट्रक्शन प्लस (ठेकेदारों) के लिए: कम से कम 2 साल से बिज़नेस चल रहा हो और प्रॉफिट कमा रहा हो और KVB (BB) का स्कोर 51 और उससे अधिक हो। फंड बेस्ड वर्किंग कैपिटल लिमिट (कैश फ्लो स्टेटमेंट में अधिकतम डेफिसिट) और नॉन-फंड बेस्ड लिमिट आमतौर पर बिज़नेस यूनिट के कुल नेट ओन्ड फंड (एनओएफ) के 10 गुना से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • KVB राइस प्लस के लिए: वे राइस मिलर जिनका बिज़नेस कम से कम 3 साल से प्रॉफिट कमा रहा हो। बैंक मौजूदा प्रॉफिटेबल यूनिट के प्रमोटरों द्वारा स्थापित नई चावल मिल यूनिट को छूट प्रदान कर सकता है।
  • KVB कमोडिटी प्लस के लिए: कम से कम 2 साल से बिज़नेस प्रॉफिट कमा रहा हो और KVB (BB) का स्कोर 51 और उससे अधिक हो
  • केवीबी फूड एंड एग्रो प्रोसेस प्लस के लिए: कम से कम 2 साल से बिज़नेस प्रॉफिट कमा रहा हो और KVB (BB) का स्कोर 51 और उससे अधिक हो
  • केवीबी पीओएस प्लस के लिए: मौजूदा व्यापारी कम से कम 6 महीने से  (नए व्यापारियों के लिए कम से कम 3 महीने) केवीबी के ज़रिए पीओएस फैसिलिटी का उपयोग कर रहे हों।

हालांकि बैंक ने अपनी कुछ बिज़नेस लोन योजनाओं के लिए योग्यता शर्तें निर्धारित नहीं की हैं। अगर कोई भी एमएसएमई बिज़नेस यूनिट उस स्पेशल बिज़नेस लोन योजना के लिए अप्लाई करना चाहती है, तो उस प्रोडक्ट की योग्यता शर्तें जानने के लिए किसी भी नज़दीकी केवीबी शाखा से संपर्क किया जा सकता है।

करूर वैश्य बैंक बिज़नेस लोन के लिए ज़रूरी दस्तावेज

करूर वैश्य बैंक ने अपनी बिज़नेस लोन योजनाओं के लिए ज़रूरी दस्तावेज निर्धारित नहीं किए हैं। KYC वेरिफिकेशन के लिए ज़रूरी दस्तावेज, इनकम प्रूफ, रेजिडेंस/ बिज़नेस एड्रेस का प्रूफ और एमएसएमई बिज़नेस यूनिट कितने सालों से चल रहा है, के प्रूफ के अलावा, बैंक लोन योजना की विशेषताओं के आधार पर लोन आवेदकों से अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने के लिए कह सकता है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*